VIOLENCE IN SAHARANPUR BY MUSLIM MORONS (IN HINDI)

Date: 31/07/2014

WHY DO MUSLIMS RESORT TO VIOLENCE? BECAUSE IT IS A VIOLENT RELIGION. THEY ALWAYS WISH TO SORT OUT THINGS IN THE STREET, NOR THROUGH DISCUSSION, NEGOTIATION OR RESORTING TO COURTS.

IN CASE OF THE HISTORIC TEMPLE IN AYODHYA THAT WAS DESTROYED BY AN INVADER CENTURIES AGO THEY THREATEN CIVIL WAR IF THE HINDUS TRY TO RE-BUILD IT. BUT IN TURN THEY TELL THE HINDUS, "GO TO COURT FOR DECISION!" SHOULD ONE NOT ASK THE "DEVILS", "WHICH COURT DID YOUR FATHER OF PAKISTAN, MOHAMMED A. JINN, GO TO, IN ORDER TO PLEAD HIS CASE FOR TRIFURCATION OF INDIA IN 1947?"

THE HINDUS HAVE ALWAYS AVOIDED CONFRONTATION AND VIOLENCE BUT THE DAY IS FAST APPROACHING WHEN THEY WILL HAVE TO RISE TO PUSH ALL THE “MOHAMMEDS” TO THEIR EXCLUSIVE HOMELAND, PAKISTAN, OR, FAILING THIS, BE OVERWHELMED AND MASSACRED OR CONVERTED THEMSELVES!

WHY OR WHAT ELSE WAS INDIA PARTITIONED FOR?

ATTACKING THE SIKHS AND DESTROYING THEIR PROPERTIES IN BROAD DAYLIGHT IS THE CRUDEST CHALLENGE TO INDIA'S SOCIETY AND GOVERNMENT. WE HOPE THAT THE CULPRITS GET LIFE LONG SENTENCES FOR DARING TO ATTACK THE SIKHS WHO STAND GUARD FOR THE DEFENCE OF "TILAK AND JANYU" FROM THE TIME GURU TEGH BAHADUR JI WAS BEHEADED IN DELHI IN 1674 AD.

SURELY, SOME SONS OR BROTHERS OF THESE SIKH VICTIMS IN SAHARANPUR ARE SERVING IN THE ARMY AND POSTED IN KASHMIR DEFENDING THAT STATE FROM THE MUSLIM TERRORISTS FROM PAKISTAN. HOW WOULD THEY FEEL, GETTING THE NEWS OF ARSON, INJURY AND DESTRUCTION AT HOME?
WE EXPECT SHRI MODI'S GOVERNMENT TO TAKE THE ISSUE SERIOUSLY. WHAT DOES "SATYAM VIJYATE" MEAN?

THE "TRUTH" IN 1947 WAS TO DEFEND THE INTEGRITY OF AKHAND BHARAT TOOTH AND NAIL. BUT WE HAD LEADERS LIKE GANDHI!

TODAY WE HAVE LEADERS LIKE NARENDRA MODI. THE “TRUTH” TODAY IS THAT NO MUSLIM (MOHAMMEDAN) OUGHT TO BE SEEN IN PARTITIONED INDIA AFTER THE MUTILATION OF OUR MOTHERLAND IN 1947 UNLESS THAT BOGUS “PARTITION” IS RE-NEGOTIATED.

THIS VIOLENCE UNLEASHED BY THE MUSLIMS REMINDS US OF THE GODRA TRAIN INCIDENT WHEN THE MUSLIM MOB SET FIRE TO A TRAIN CARRYING PILGRIMS, BURNING TO DEATH DOZENS OF ELDERLY HINDU MEN AND WOMEN ON WAY BACK FROM AYODHYA. BRAVE HINDUS IN GUJARAT ROSE AS ONE MAN TO PAY THEM BACK IN THE SAME COIN. GUJARAT HAS HAD PEACE SINCE THEN.

PLEASE LET THEM NOT GET AWAY THIS TIME, TOO. THE NEXT TIME THEY WILL DO MORE DAMAGE AND DESTRUCTION. IT IS TIME TO NIP THE EVIL IN THE BUD.

NOT ONLY DISUNITED DIVIDED INDIA KNOWS HER MUSLIMS WELL BUT ALSO COUNTRIES AS FAR AWAY AS THE UNITED STATES, GREAT BRITAIN, SPAIN AND GERMANY KNOW HOW THE MUSLIMS SAY "THANK YOU" FOR LETTING THEM IN AND ALLOWING THEM TO LIVE AND BREED THERE.

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सहारनपुर के तीन दिनी दंगे की प्राथमिक जांच में इसका कश्मीर कनेक्शन सामने आ रहा है। पुलिस ने कल दंगे के मुख्य आरोपी मोहर्रम अली उर्फ पप्पू सभासद को कई साथियों के साथ गिरफ्तार कर लिया। देर रात प्रशासन ने आरोपी मोहर्रम अली उर्फ पप्पू पर रासुका [एनएसए] लगा दिया।
सहारनपुर दंगा पूरी तरह सुनियोजित था और आगजनी करने वालों में जम्मू-कश्मीर और दिल्ली से आए लोगों की संलिप्तता का भी शक है। पुलिस इसके पीछे किसी आतंकी साजिश की बात स्वीकार नहीं कर रही है और फिलहाल इन्हें मोहर्रम अली का गुर्गा बता रही है। माना जा रहा है पप्पू ने गुरुद्वारे और कब्रिस्तान विवाद में पैसों की डील न होने के चलते भीड़ को हिंसा के लिए उकसाया। दंगे के मास्टरमाइंड माने जा रहे मोहर्रम अली उर्फ पप्पू को भतीजे इरशाद के साथ गिरफ्तार किया गया। इसके बाद ही दंगे के कारणों की परते खुलती गई।

पुलिस का कहना है कि मोहर्रम अली के इशारे पर ही अंबाला रोड पर जमकर आगजनी, लूटपाट व फायरिंग हुई थी। आगजनी में इस्तेमाल हुआ केमिकल आमतौर पर कश्मीर वादी में वारदातों के दौरान प्रयोग किया जाता है। पप्पू पर इस बिंदु पर पूछताछ की जा रही है कि उसके साथ कश्मीर और दिल्ली से आए कई लोग थे। अंबाला रोड से लूटा गया सामान गाड़ियों में भरकर बाहर पहुंचाया गया।

ऐसे उकसाया भीड़ को

पुलिस के मुताबिक शनिवार सुबह मोहर्रम अली उर्फ पप्पू ने भीड़ को उकसाने के लिये कमेला कालोनी, ढोली खाल आदि मस्जिदों से माइक से घोषणा कराई कि सिख समाज के लोगों ने कुतुबशेर मस्जिद को शहीद कर दिया है। इसके बाद कुतुबशेर थाना चौक के पास सुबह भारी भीड़ आ गई। भीड़ में पूर्व सभासद मोहर्रम अली उर्फ पप्पू के अलावा पूर्व सभासद मसूद कुरैशी, आरिफ और पप्पू को भतीजा इरशाद भी शामिल थे और भीड़ को उकसा रहे थे। उनके पास आगजनी का पूरा सामान था। फायर स्टेशन को आग लगाने में और सिपाही को गोली मारने के पीछे भी पप्पू की भूमिका सामने आई है। पुलिस के मुताबिक पप्पू और उसके साथियों को दंगों में अब तक कायम किये गए 67 मुकदमों में मुख्य आरोप बनाया गया है और आठ मुकदमों में उस पर भीड़ को उकसाने का आरोप है। पुलिस 75 मुकदमों में अब तक 89 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।

सहारनपुर के एसएसपी राजेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि सहारनपुर को दंगे की आग में झोंकने वाले तीन मास्टर माइंड में से दो पूर्व सभासद मोहर्रम अली उर्फ पप्पू व इरशाद को कुतुबशेर थाना पुलिस ने मंडी थाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया है। इरशाद पप्पू का भतीजा है और उनके साथ दानिश, शाहिद, इरफान भी पकड़े गए हैं।

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